श्री संत गजानन महाराज महाराष्ट्र के एक छोटेसे गांव शेगाव में रहने वाले संत थे | उनका जन्म कब हुआ किसी को पता नहीं लेकिन कहा जाता है की फ़रवरी 1867 में गजानन महाराज शेगाव में प्रकट हुए थे | इनको भगवन के स्वरुप में से एक रूप माना जाता है |
“श्री गजानन महाराज विजय ग्रंथ“ दासगुण महाराज ने संत गजानन महाराज पर आधारित 21 अध्याय वाली मराठी किताब लिखी है | जिसे हिंदी धर्म में पवित्र ग्रन्थ के रूप में माना जाता है | रोजाना कही सरे हिन्दू धर्म के लोग इस ग्रन्थ का वाचन करते है | कही सारे लोग इस ग्रन्थ का वाचन मंदिर में भी करते है |
हलाकि आज गजानन महाराज लोगो के बिच में नहीं है लेकिन उनके भक्त आज भी उनके चमत्कार को महसूस करते है और उनकी भक्ति करते है | कहा जाता है की गजानन महाराज के छूने से कही सारे लोगो की खरनाक बीमारी भी ठीक हो गयी है | आज भी शेगाव के मंदिर में लाखो की भीड़ में लोग गजानन महाराज का प्रसाद के लिए जाती है | और लोग सच्चे मन से इस प्रसाद को ग्रहण करते है |
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गजानन महाराज शेगाव – Gajanan maharaj of shegao
गजानन महाराज मंदिर सम्पूर्ण महाराष्ट्र में प्रसिद्ध है | यहाँ की स्वछता और शुद्ध वातावरण की वजह से यह मंदिर महाराष्ट्र में प्रसिद्ध है | यहाँ सेवा करने वाले सेवक काफी विनम्र और सन्मानजनक है | यहाँ के सेवक मुफत में सेवा करते है और यहाँ सेवा करने के लिए लोगो की लाइन लगती है | गजानन महाराज के कही सारे भक्त मंदिर में सेवा करना चाहते है |
मंदिर के आसपास की जगह अच्छी तारीखे से बनाये राखी है | श्री गजानन महाराज मंदिर श्री राम मंदिर के निचे स्तिथ है | उसी क्षेत्र में एक स्थान है जहा पर धूनी जलाई जाती है। धूनी के नजदीक ही महाराज की पादुकाये रखी है जिनका भक्त दर्शन ले सकते है।
शेगाव महाराष्ट्र राज्य के बुलढाणा जिले में आता है | यहाँ के लोगो की जनसंख्या करीब 60,000 से भी ज्यादा है | शेगाव पहुंचने के लिए सुविधाजनक माध्यम Train ही है | शेगाव के करीबी हवाई अड्डे अकोला , नागपुर , और औरंगाबाद है |
गजानन महाराज मंदिर संस्थान के प्रमुख शिवशंकरभाऊ पाटिल है | गजानन महाराज संस्थान द्वारा चलए जाने वाली कही सारी संस्था है जो की शेगाव की और भी शोभा बढ़ाती है | जैसे शेगाव का engineering college , आनंद सागर , भोजन कक्ष यह गजानन महाराज संस्थान द्वारा चलए जाते है | इन सब कार्यो के लिए शिवशंकरभाऊ पाटिल पुरे भारत में जाने जाते है |
गजानन महाराज आरती – Gajanan Maharaj आरती
गजानन महाराज की यह आरती हरदिन शाम में शेगाव के मंदिर में की जाती है | यह आरती करने के लिए कही सारे लोग मंदिर में आते है | आरती के वक्त मंदिर का वातावरण एकदम शांत होता है |
श्री गजानन महाराज की आरती के lyrics निचे देखे |
जय जय सतचित स्वरूपा स्वामी गणराया।
अवतरलासी भूवर जड मुढ ताराया॥
जयदेव जयदेव
निर्गुण ब्रह्म सनातन अव्यय अविनाशी।
स्थिरचर व्यापून उरलें जे या जगताशी॥
तें तूं तत्त्व खरोखर निःसंशय अससी।
लीलामात्रें धरिलें मानव देहासी॥
जयदेव जयदेव
होऊं न देशी त्याची जाणिव तूं कवणा।
करूनी गणि गण गणांत बोते या भजना॥
धाता हरिहर (नरहरी) गुरुवर तूंचि सुखसदना।
जिकडें पहावे तिकडे तूं दिससी नयना॥
जयदेव जयदेव
लीला अनंत केल्या बंकट सदनास।
पेटविलें त्या अग्नीवाचूनी चिलमेस॥
क्षणांत आणिलें जीवन निर्जल वापीस।
केला ब्रह्मगिरीच्या गर्वाचा नाश॥
जयदेव जयदेव
व्याधी वारून केलें कैकां संपन्न।
करविले भक्तालागी विठ्ठल दर्शन॥
भवसिंधू हा तरण्या नौका तव चरण।
स्वामी दासगणूचे मान्य करा कवन॥
जयदेव जयदेव
जय जय सतचित-स्वरूपा स्वामी गणराया।
अवतरलासी भूवर जड मुढ ताराया॥
जयदेव जयदेव